च्चों के लिए लिखे इस गीत में सफ़दर बच्चों में किताबों के प्रति गहरा आकर्षण पैदा करना चाहते थे

 बच्चों के लिए लिखे इस गीत में सफ़दर बच्चों में किताबों के प्रति गहरा आकर्षण पैदा करना चाहते थे। सफ़दर बच्चों की शिक्षा अक्षर ज्ञान से आरंभ करना चाहते थे। वे गरीब से गरीब बच्चे का पेट भरने की शिक्षा देने के साथ दिमाग को रौशन करने की शिक्षा देने को भी बेहद जरूरी मानते थे। जबकि गाँधी मानते थे कि : 'हस्त कौशल ही वह चीज है, जो मनुष्य को पशु से अलग करती है। लिखनापढ़ना जाने बिना मनुष्य का सम्पूर्ण विकास नहीं हो सकता, ऐसा मानना एक वहम ही है। इसमें कोई शक नहीं की अक्षरज्ञान से जीवन का सौंदर्य बढ़ जाता है, लेकिन यह बात गलत है कि उसके बिना मनुष्य का नैतिक, शारीरिक और आर्थिक विकास हो ही नहीं सकता। गाँधी देश के लिए विकास का जैसा मॉडल दे रहे थे, उस पर अब कुछ और कहना शेष नहीं।


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20 वी सदी में जिस प्रकार प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध, सैनिक और सैन्य शक्ति के द्वारा लड़ा गया, वही आज 2020 स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा लड़ा जा रहा है। ये स्वास्थ्य कर्मी किसी देश की सीमा या विवाद पर नही अपितु कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहे हैं।।
अलीगढ़ में होली को लेकर सतर्कता, रंग से बचाव के लिए मस्जिद की दीवार ढकी
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केजरीवाल ने विधायकों को सौंपा योजना लागू कराने का जिम्मा
मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि सरकारी दुकानों पर लोगों को राशन मिले। साथ ही नाइट शेल्टर और स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण व पर्याप्त मात्रा में खाना मिले। किसी के इलाके में कोई भूखा न रह जाए। किसी को खाने की जरूरत हो तो विधायक निजी तौर पर उस तक भोजन पहुंचाने का इंतजाम करें। राशन व भोजन के वितरण में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उनको भी राशन दिया जा रहा है। विधायक ऐसे सभी लोगों के आवेदन इंटरनेट पर जमा कराने में मदद करें। इसके अलावा विधायक अपने-अपने क्षेत्र में समाज के सभी ऐसे लोगों को एकत्र करें, जो गरीबों की मदद करना चाहते हैं। विधायक वह मदद लोगों तक पहुंचाने का काम करें। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से दो टूक कहा कि कोई भी काम करने के दौरान विधायक लोगों से दूरी बनाए रखें। किसी भी सूरत में एक जगह भीड़ नहीं जुटनी चाहिए।
नर्सेज को भी कर्मवीर की उपाधि मिले" राकेश बडगुजर की कलम से